हा… इसलिए मैंने भी एक शिक्षक को रोते देखा है !

हा… इसलिए मैंने भी एक शिक्षक को रोते देखा है !
शिक्षक के हस्ते हुए चहरे के पीछे घोर अंधेरा छाया है!
शिक्षक के आँख मे आंसूओं का भंडार पाया है!
*हा इसलिए मैंने भी एक शिक्षक को रोते देखा है!*
जो अपने खुद के बच्चों की फ़िक्र बाद मे करता है!
पहला फ़र्ज अपने विद्यार्थियों के लिए निभाता है!
ऐसे शिक्षक की दबी दबी आँखों मे मैंने गम का आलम पाया है!
*हा इसलिए मैंने भी एक शिक्षक को रोते देखा है!*
बनना चाहता था वह भी एक आदर्शवादी शिक्षक पर उसे भी सिस्टम ने लाचार बनाया है!
*हा इसलिए मैंने भी एक शिक्षक को रोते देखा है!*
कभी स्कूल का प्रशासन कभी शासन का शासन,हाथ पैर मे शिक्षक के बेड़ी डाल देता है!
ना वह चल सकता है ना दौड़ सकता है ना उछल सकता है बस तालाब का मेंढक बनकर ही वह रह सकता है!
*हा इसलिए मैंने भी एक शिक्षक को रोते देखा है!*
आए दिन नये नये शासन आदेश आते है, पढ़ाना छोड़ वही निभाए जाते है!
कैसे बनाएं इस देश का भविष्य यही चिंता शिक्षक को सताती है!
देख देश का भविष्य अँधेरे मे उसकी ऑंखें भर आती है!
हा इसलिए मैंने भी एक शिक्षक को रोते देखा है!
घर की जरूरतों के आगे हार जाता है!
प्रशासन के जुल्म के आगे शिक्षक हतबल हो जाता है!
*हा इसलिए मैंने भी एक शिक्षक को रोते देखा है!*
कभी जनगणना कभी विभिन्न सर्वे कभी चुनाव ना जाने कितने कर्त्तव्य शिक्षक ने निभाए है!
फ़िरभी सफ़ेद सर्टवालों ने उसके कर्त्तव्य पर सवाल उठाए है!
*हा इसलिए मैंने भी एक शिक्षक को रोते देखा है!*
नेताओं के पेट टन टना टन भरे होते है, फ़िरभी नये नये फंड उनके हित मे पास होते है!
एक शिक्षक बेचारा सालो साल पगार के लिए तरसता है!
*हा इसलिए मैंने भी एक शिक्षक को रोते देखा है!*
ईद हो दिवाली हो होली हो हर बार शिक्षक की जेब खाली हो यही सीस्टम के शायद सपने हो!
*इस सोच के आगे हा मैंने भी एक शिक्षक को रोते
देखा है!*
भूखा मरता क्या ना करता घरवालों की आस बच्चों की अभिलाषा सामने आ जाती है!
दूसरों को जिनेका रस सिखाने वाले की आखिर हार हो जाती है!
*हा इसलिए मैंने भी एक शिक्षक को रोते देखा है!
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# राहुल जी गौर
नागपुर महाराष्ट्र
संस्थाद्वारा कर्मवीर भाऊराव पाटिल, महाराष्ट्र आइकॉन, समाजरत्न, विदर्भ गौरव पुरस्कार प्राप्त.
कवि,लेखक, विद्यार्थी प्रेरक प्रवक्ता, विदर्भ अध्यक्ष भोई समाज सेना, विदर्भ अध्यक्ष निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल, सचिव भोई समाज पंच कमेटी नागपुर, सह-संपादक भोई गौरव मासिक!