झूठे मामलों में फंसे लोगों को न्यायालय ने किया निर्दोष बरी।
झूठे मामलों में फंसे लोगों को न्यायालय ने किया निर्दोष बरी।
एड. नवीन खरे ने दिलवाया न्याय
नागपुर/E T News
अक्सर देखा जाता है कि अपहरण बलात्कार जर्बदस्ती छेड़खानी आदि वारदातों के आरोपियों को कोर्ट में कड़ी सजा दिलवाने के लिए वकील काफी मेहनत करते हैं और अंत में उन्हें सजा दिलवाने में सफल भी होते हैं , लेकिन सिक्के का दूसरा पहलू यह भी है कि अक्सर देखा जा सकता है कि कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें कानून का दुरुपयोग कर निर्दोषों को जबरदस्ती झूठे मामलों में फसाने की कोशिश कर उन्हें सजा दिलाने का प्रयास किया जाता है। ऐसे ही कुछ मामले पिछले तीन-चार वर्षो से नागपुर जिला व सत्र न्यायालय में देखने को मिले, जिनमें महिलाओं और मासूमों को सामने लाकर आपसी रंजिश का बदला लेने की कोशिश की गई। ऐसे ही कुछ मामले अखिल भारतीय संयुक्त अधिवक्ता मंच भारत के पदाधिकारीओं के संज्ञान मे आए। सभी पदाधिकारियों ने मुद्दे के सभी पहलुओं पर विचार विमर्श कर अध्ययन किया। और निष्कर्ष पर पहुंचे कि बेवजह कानुन का दुरुपयोग करके निर्दोष लोगों को अभियुक्त बनाकर फसाया जाना उचित नही है। अत: मंच निर्णय लिया कि महिला और बच्चों संबंधित सभी मामलों मे मंच पदाधिकारी अध्ययन करके हि पिडित या पिडिता को न्याय दिलवाने मे पुर्ण सहयोग करेंगे। इसि कडि मे मंच के जिला पदाधिकारि अधि. नवीन खरे ने जबरदस्ती आरोपी बनाए गए चार लोगों को न्याय दिलवाने में सफलता हासिल कि है। नागपुर जिला व सत्र न्यायालय में अधिवक्ता नवीन खरे यह साबित कर दिया कि इन आरोपियों को जबरन बली का बकरा बनाया गया है। अधिवक्ता खरे की पैरवी सुनने के बाद माननीय न्यायालयन्यायालय ने चारों आरोपियों को निर्दोष बरि कर दिया।
दिसंबर 2020 से लेकर अगस्त 2024 के बीच 363,506 376(2) , 448 सहित पोक्सो के मामले में भी आरोपियों को निर्दोष बरि करवाने में एडवोकेट नवीन खरे को मंच कै वरिष्ठ पदाधिकारि अधि. सि. एच. शर्मा कै मार्गदर्शरन मै सफलता मिली। यह आरोपी नागपुर के वाठोड़ा , काटोल , कोंढाली, आदि क्षेत्रों से संबंधित हैं। नागपुर जिला व सत्र न्यायालय के न्यायाधीश आर. पी. पांडे और एस. ए. श्रीखंडे ने इन आरोपियों को निर्दोष बरी किया।