रहोडामाइन बी : खाने में इस्तेमाल होने वाला रंग सेहत के लिए खतरनाक

रहोडामाइन बी : खाने में इस्तेमाल होने वाला रंग सेहत के लिए खतरनाक
लेखक परिचय
डॉ. जयंत कुमार रामटेके, एम.पी.एड (UGC-NET), नागपुर के सेठ केसरीमल पोरवाल कॉलेज, कामठी में शारीरिक शिक्षा विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर हैं। 25 वर्षों के शिक्षण अनुभव के साथ, वे हेल्थ अवेयरनेस सेल के समन्वयक हैं और RTM नागपुर यूनिवर्सिटी में CDC सदस्य व विभिन्न खेलों के लिए चयन समिति के अध्यक्ष रहे हैं। उन्हें बेस्ट टीचर अवॉर्ड (2005), महात्मा फुले रिसर्च टैलेंट अवॉर्ड (2012), गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर मेमोरियल अवॉर्ड (2024) और डॉ. भीमराव आंबेडकर नेशनल ऑनर (2025) जैसे सम्मान मिले हैं। उनकी पुस्तकें, जैसे *501 इंस्पिरेशनल कोट्स ऑन स्पोर्ट्स एंड गेम्स* और *थैंक यू बाबासाहेब*, काफी चर्चित हैं।
नागपुर के निवासियों, विशेषकर युवा विद्यार्थियों, के स्वास्थ्य के प्रति गहरी चिंता व्यक्त करते हुए डॉ. रामटेके इस लेख के माध्यम से रहोडामाइन बी जैसे खतरनाक रंग के उपयोग को उजागर कर रहे हैं। उनके महाविद्यालय के खेल और शारीरिक शिक्षा के विद्यार्थी, जो अक्सर फास्टफूड स्टॉल्स पर खाने का सेवन करते देखे जाते हैं,अक्सर इस हानिकारक रासायनिक रंग वाले भोजन के संपर्क में आ जाते हैं। यह लेख नागपुर चित्र न्यूज़पेपर के पाठकों के लिए रहोडामाइन बी के खतरों, इसके गलत इस्तेमाल और इससे बचाव के उपायों को विस्तार से बताता है।
**रहोडामाइन बी क्या है?**
रहोडामाइन बी एक रासायनिक रंग है, जिसका रासायनिक सूत्र **C28H31ClN2O3** है। यह पानी में आसानी से घुल जाता है और चमकीला गुलाबी या लाल रंग देता है, जो इसे फ्लोरोसेंट बनाता है। इसका उपयोग वैज्ञानिक अनुसंधानों में, जैसे पानी की ट्रेसिंग और माइक्रोस्कोपी में, होता है। यह सस्ता और आसानी से उपलब्ध होने के कारण औद्योगिक क्षेत्र में लोकप्रिय है। लेकिन, **फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI)** के अनुसार, यह खाने के लिए सुरक्षित नहीं है, क्योंकि यह खाद्य-ग्रेड रंग नहीं है (FSSAI, 2011)।
**खाने में इसका गलत इस्तेमाल**
नागपुर के स्थानीय बाज़ारों, स्ट्रीट फूड स्टॉल्स और छोटे दुकानदारों द्वारा कई बार रहोडामाइन बी का इस्तेमाल खाने को चटकीला और आकर्षक बनाने के लिए किया जाता है। कुछ खाद्य पदार्थों में इसका उपयोग देखा गया है:
**मिर्च पाउडर**: लाल रंग देने के लिए।
– **बुड्ढी के बाल (कॉटन कैंडी)**: चमकीला गुलाबी रंग के लिए।
– **गोभी मंचूरियन, पकौड़े और चटनी**: स्ट्रीट फूड में रंग को चटकीला करने के लिए।
हाल के अध्ययनों में, **तमिलनाडु और कर्नाटक** जैसे राज्यों में कॉटन कैंडी और गोभी मंचूरियन जैसे खाद्य पदार्थों में रहोडामाइन बी की मौजूदगी पाई गई, जिसके बाद इन राज्यों ने सख्त कदम उठाए (The Hindu, 2024)। नागपुर में भी खाद्य विभाग इस तरह के रंगों की जाँच करता है, लेकिन युवा विद्यार्थियों द्वारा स्ट्रीट फूड के अत्यधिक सेवन से डॉ. रामटेके को गहरी चिंता है।
**सेहत को होने वाले नुकसान**
रहोडामाइन बी का सेवन कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा कर सकता है। यहाँ इसके कुछ प्रमुख खतरे दिए गए हैं:
1. **कैंसर का खतरा**: **इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC)** ने 1978 में रहोडामाइन बी को संभावित कैंसरकारी रसायन के रूप में वर्गीकृत किया था। लंबे समय तक इसके सेवन से लीवर, किडनी और पेट में ट्यूमर होने का खतरा बढ़ सकता है (IARC, 1978)।
2. **ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस**: यह शरीर में रिएक्टिव ऑक्सीजन प्रजातियाँ (ROS) पैदा करता है, जो कोशिकाओं और ऊतकों को नुकसान पहुँचाता है। इससे मस्तिष्क के हिस्सों जैसे सेरेबेलम और ब्रेनस्टेम को नुकसान हो सकता है (Journal of Food Science, 2020)।
3. **एलर्जी और जलन**: इसके सेवन से त्वचा में खुजली, आँखों में जलन और साँस लेने में तकलीफ हो सकती है। संवेदनशील लोगों में यह रैशेज और लालिमा का कारण बन सकता है।
4. **अंगों को नुकसान**: यह लीवर और किडनी को नुकसान पहुँचाता है, जिससे लंबे समय में गंभीर अंग विफलता हो सकती है (Toxicology Reports, 2021)।
**भारत में कानून और कार्रवाई**
**FSSAI** के **फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स (फूड प्रोडक्ट्स स्टैंडर्ड्स एंड फूड एडिटिव्स) रेगुलेशन, 2011** के अनुसार, रहोडामाइन बी का खाद्य पदार्थों में उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित है। केवल अनुमोदित खाद्य-ग्रेड रंग, जैसे टारट्राज़ीन, कारमोइसिन और सनसेट येलो, ही इस्तेमाल किए जा सकते हैं। नियम तोड़ने वालों को **7 साल की जेल** और **10 लाख रुपये तक का जुर्माना** हो सकता है।
हाल के वर्षों में, कई राज्यों ने इसके खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं:
– **तमिलनाडु**: फरवरी 2024 में, कॉटन कैंडी के उत्पादन और बिक्री पर प्रतिबंध लगा, क्योंकि जाँच में रहोडामाइन बी पाया गया (The Times of India, 2024)।
– **कर्नाटक**: मार्च 2024 में, गोभी मंचूरियन और कॉटन कैंडी में इसके उपयोग पर रोक लगाई गई (Deccan Herald, 2024)।
– **पुडुचेरी और हिमाचल प्रदेश**: इन राज्यों ने भी रहोडामाइन बी के उपयोग पर सख्ती बरती है।
नागपुर में, **महाराष्ट्र खाद्य और औषधि प्रशासन (FDA)** नियमित रूप से खाद्य पदार्थों की जाँच करता है, लेकिन डॉ. रामटेके का मानना है कि और सख्ती की ज़रूरत है, खासकर युवाओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए।
**पहचान और रोकथाम**
रहोडामाइन बी की जाँच के लिए उन्नत तकनीकों का उपयोग किया जाता है, जैसे:
– **फ्लोरोसेंस स्पेक्ट्रोस्कोपी**: यह रंग बहुत कम मात्रा (10^-10 M) में भी पकड़ा जा सकता है।
**थिन लेयर क्रोमैटोग्राफी और हाई-परफॉर्मेंस लिक्विड क्रोमैटोग्राफी**: ये विधियाँ इसकी मौजूदगी की पुष्टि करती हैं (Journal of Chromatography, 2019)।
FSSAI और स्थानीय खाद्य विभाग नियमित रूप से नमूने एकत्र करते हैं और बाज़ारों में जाँच करते हैं ताकि गैरकानूनी रंगों का उपयोग रोका जा सके।
**नागपुर के लोगों के लिए सलाह**
नागपुर के निवासियों, विशेषकर विद्यार्थियों, को खाने की चीज़ों के प्रति सावधानी बरतनी चाहिए। अगर कोई खाद्य पदार्थ असामान्य रूप से चटकीला गुलाबी या लाल दिखे, तो उसे खाने से पहले शक करें। यहाँ कुछ सुझाव हैं:
**FSSAI प्रमाणित उत्पाद खरीदें**: हमेशा पैकेज्ड खाद्य पदार्थों पर FSSAI लोगो और लाइसेंस नंबर की जाँच करें।
– **शक होने पर शिकायत करें**: अगर आपको
नागपुर में खाद्य पदार्थों में मिलावट की शिकायत दर्ज कराने के लिए आप निम्नलिखित संपर्क माध्यमों का उपयोग कर सकते हैं:
📞 नागपुर के लिए संपर्क नंबर:
FDA नागपुर कार्यालय: 0712-2562204
यह नंबर खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) नागपुर कार्यालय का है, जहाँ आप खाद्य मिलावट से संबंधित शिकायतें दर्ज करा सकते हैं।
(स्रोत The Times of India)
📞 महाराष्ट्र राज्य स्तरीय हेल्पलाइन:
महाराष्ट्र राज्य उपभोक्ता हेल्पलाइन: 1800-22-2262 (टोल-फ्री)
यह हेल्पलाइन उपभोक्ताओं को मार्गदर्शन और शिकायत निवारण में सहायता प्रदान करती है।
(स्रोत Maha Food)
FDA महाराष्ट्र हेल्पलाइन: 1800-222-365
यह नंबर खाद्य एवं औषधि प्रशासन, महाराष्ट्र राज्य का है, जहाँ आप खाद्य सुरक्षा से संबंधित मुद्दों की रिपोर्ट कर सकते हैं। (FSSAI)
जागरूकता फैलाएँ :अपने परिवार और दोस्तों को इस खतरनाक रंग के बारे में बताएँ।
प्रशासन से अनुरोध
डॉ. रामटेके नागपुर नगर परिषद, स्वास्थ्य विभाग, निगम और खाद्य सुरक्षा विभाग से अनुरोध करते हैं कि वे रहोडामाइन बी के उपयोग पर सख्त कार्रवाई करें। खासकर स्ट्रीट फूड स्टॉल्स और स्थानीय बाज़ारों की नियमित जाँच हो, ताकि युवा विद्यार्थियों और नागपुरवासियों की सेहत सुरक्षित रहे।
निष्कर्ष
रहोडामाइन बी एक औद्योगिक रंग है, जो खाने के लिए बिल्कुल सुरक्षित नहीं है। इसके उपयोग से कैंसर, एलर्जी और अंगों को नुकसान जैसे गंभीर खतरे हो सकते हैं। नागपुर के लोग, खासकर युवा विद्यार्थी, अपने खाने की गुणवत्ता पर ध्यान दें और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर इस तरह की गैरकानूनी प्रथाओं को रोकने में मदद करें। जागरूकता और सावधानी ही हमारी सेहत की रक्षा कर सकती है।
**संदर्भ**:
1. Food Safety and Standards (Food Products Standards and Food Additives) Regulation, 2011, FSSAI.
2. IARC Monographs on the Evaluation of Carcinogenic Risks to Humans, Volume 16, 1978.
3. “Tamil Nadu bans cotton candy after finding harmful dye”, The Times of India, February 2024.
4. “Karnataka bans Gobi Manchurian, cotton candy over Rhodamine B use”, Deccan Herald, March 2024.
5. Journal of Food Science, “Toxicity of Rhodamine B in Food Products”, 2020.
6. Toxicology Reports, “Health Impacts of Non-Food Grade Dyes”, 2021.
7. Journal of Chromatography, “Detection of Rhodamine B in Food Samples”, 2019.